मधुबनी, मिथिला मिरर: आजुक समयमे राज्य सरकार लोककेँ नीक स्वास्थ्य सुविधा देबाक दावा कय रहल अछि। सरकारी स्तर पर अहिक लेल व्यवस्था करबाक बात सेहो कहल जाइत अछि। स्वास्थ्य सुविधा पर सरकारी खजाना सं करोड़ो रुपैया खर्च कएल जाइत अछि, मुदा कि गरीब लोककें एकर लाभ भेटैत अछि ? कि लोककेँ बिना रुपैयाके इलाज भेटैत अछि? नहि। एकर उदाहरण भेटल प्रखंड मुख्यालय उमगांव स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर।
पर्ची काटय वला काउंटर पर ऑपरेटर पर्ची काटि रहल अछि। मरीज जंग लागल बिना चद्दरिकें बेड पर बैसैत अछि। एम्बुलेन्स चालक मरीजक एक्सरे करैत अछि। ओतय एक्स-रे करय वला ऑपरेटरक कोनो पता नहि। मुदा सर्कार दावा करैत अछि जे, स्वास्थ्य व्यवस्था सुचारू ढंग सं चलि रहल अछि।
एहेनमे गरीब मरीज की करय। सरकारी अस्पतालक हाल बेहाल अछि, निजी अस्पताल जेबाक लेल गरीब तबकाक लोक कतय सं रुपैया आनत। एहेनमे अहि गरीबक जीबन एम्बुलेंस चालक आ ऑपरेटरके हाथे चलैत अछि।