दिल्ली, मिथिला मिरर : बिहार हमेशासँ ज्ञान आ आस्थाक केंद्र रहल अछि। एतय एकसँ बढ़ीक’ एक विद्वान, वैज्ञानिक आ शूरवीर लोकिन जन्म लैत रहलथि। लगभग हरेक क्षेत्रमे बिहारी युवा अपन लोहा मनबैत रहलाह अछि। चाहे देश रक्षाक बात होई वा राजनीतकेँ, एतय तक की ज्ञान आ टेक्नोलॉजीमे सेहो अपन प्रतिभाकेँ बले अपन उपस्थिति दर्ज करबैत रहैत छथि। एकटा कहबी छैक जँ अहाँ अपन सीमा स्वयं निर्धारित करब, अपना आप पर विश्वास राखब त’ कोनो काज केनाई असंभव नै होइत छैक। बात गणतंत्र दिवसक उपलक्ष्यमे हरेक साल राजपथ पर परेड होइत अछि। मुदा एहिबेर किछु विशेष अछि। लगभग हरेक साल बिहारक झाँकी एहि परेडमे शामिल होइत अछि। मुदा एहिसँ इतर एहिबेर गणतंत्र दिवसक परेडकेँ नेतृत्व करतीह बिहारक बेटी कैप्टन शिखा सुरभि। कैप्टन शुरभि 26 जनवरीक परेडमे हिस्सा ल’ अपन राज्य बिहारक नाम रौशन करतीह। शिखा सुरभि भारतीय सेनाक महिला टुकड़ी, कोर ऑफ सिग्नल डेयर डेविल्सक नेतृत्व करतीह। एतबे नहि कैप्टन शिखा सुरभि 26 जनवरीकेँ राजपथ पर मोटरसाइकिल पर ठाढ़ भ’ ढाई किलोमीटर लम्बा परेडमे करतब देखबैत राष्ट्रपतिकेँ सलामी देतीह। भारतीय सेनामे कैप्टनक पद पर पदस्थापित शिखा वर्तमानमे पंजाबक भटिंडामे पोस्टेड छथि।
कैप्टन शिखा सुरभि मूल रूपसँ बिहारक बक्सर जिलाक सिमरी प्रखंडक छोटका राजपुर गामक निवासी छथि। सुरभिक पढ़ाई-लिखाई झारखंडक हजारीबागमे भेलनि। शिखा सुरभि पहिल बेर गणतंत्र दिवस परेडक नेतृत्व करतीह हालांकि शुरभि पछिला बेर सेहो परेडका हिस्सा छलिह। मुदा एहिबेर हुनका महिला टुकड़ीक नेतृत्व करबाक अवसर भेटल अछि। सुरभिकेँ मार्शल आर्ट, कराटा, बॉक्सिंगक आदिक शौक रहल अछि। सेनामे पदस्थापित रहैत महिला बॉक्सिंगमे स्वर्ण पदक जीतने छलीह आ दू बेर पर्वतारोह आ एडवेंचर स्पोर्टक प्रशिक्षण प्राप्त क’ शिखा सुरभि मोटरसाइकिलसं भूटान धरि यात्रा क’ चुकल छथि। शुरभिक एहि उपलब्धि पर हुनक परिवार सहित पूरा गाम गर्व क’ रहल छथि। शिखा सुरभि बतौलनी जे नेनपनसँ हुनका खेल-कूदमे रूचि छलनि। कैप्टन कहलीह जे हमरा लेल इ गर्वक बात अछि जे हमरा सेनाक कोर ऑफ सिग्नलमे पहिल महिला चुनल गेल आ हम राजपथ पर बाइक पर ठाढ़ भ’ करतब देखबैत राष्ट्रपतिकेँ सलामी देब। ई कोनो बेटी लेल गर्वक बात अछि जे ओ अपन देशक नाम ऊँच करबा लेल कोनो सेनाक कमान संभालतिह।