समस्तीपुर, मिथिला मिरर: सरकारी उपेक्षाकें कारण प्रखंडक नरघोघी मठ स्थित श्री रामलला सर्व दर्शन संस्कृत उच्च विद्यालय आई कैल्ह बदहालीक दौर सं गुजरि रहल अछि। शैक्षिक स्वर्गके रूपमे चर्चित प्रखंडक एकमात्र ई संस्कृत विद्यालय जर्जर भवन, शिक्षक व उपस्करक कमीके कारण अप्पन उद्देश्य सं भटकि गेल अछि। शिक्षाप्रेमी पं. राघवाचार्यके अथक प्रयास सं सन् 1942’मे अहि विद्यालयक स्थापना कएल गेल छल।
पूर्वमे ई विद्यालय कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय दरभंगा स संचालित होईत छल। सन् 1977 सं ई विद्यालय संस्कृत शिक्षा बोर्डके अंतर्गत चलि गेल। अहि विद्यालयमे षष्ठम वर्ग सं दशम् वर्ग धरि पढ़ाई होईत अछि। वर्तमानमे विद्यालयमे नामांकित छात्र-छात्राक संख्या तकरीबन 150 अछि, जहन कि शिक्षककें 7 स्वीकृत पदमे 6 शिक्षक कार्यरत अछि।
विद्यालयकें बदहालीक चर्चा करैत प्रधानाध्यापक पंडित अभिराम दास कहलनि जे, विद्यालयके कुल 8 कमरामे अधिकांशत: जर्जर अवस्थामे पहुंचि चुकल अछि। विद्यालयमे स्वच्छ पेयजलक घोर अभाव अछि। ओतहि विद्यालयमे चहारदीवारी नहि हेबाक कारण विद्यालयक जमीन पर लोकक अतिक्रमण जारी अछि।
आदर्श विद्यालयके रूपमे ख्यातिप्राप्त अहि विद्यालयक वर्तमान स्थिति अनायास जनप्रतिनिधी एवं स्थानीय नागरिकक शिक्षाके प्रति जागरूकता पर प्रश्नचिह्न ठाढ़ करैत अछि।