हमर परिचय:——
नारायण झा
गाम- रहुआ-संग्राम, प्रखंड-मधेपुर
जिला- मधुबनी।
जन्म:-05-07-1980ई०
वर्ष- 2003 सs राजकीय मध्य विद्यालय रहुआ-संग्राम मे शिक्षक रुप मे कार्यरत।
लेखन:-
बचपने सs लेखन मे रुचि।
विषयगत लेखन मे विद्यालय आ महाविद्यालय स्तर पर भाग लैत रहलहुँ, आ पुरस्कृतो होइत रहलहुँ।
वर्ष 2011 ई मे गामेक साहित्यकार लोकनि हमरा साहित्य मे लिखय कहलनि आ लिखनाइ शुरू कयलहुँ।
हम कविता विधा सs शुरू कयलहुँ आ एखनहुँ लिखिये रहल छी।
कविता छन्दबद्ध आ मुक्त छन्द मे लिखै छी।
जतय कतौ साहित्यिक आयोजन आ कवि गोष्ठी होइत अछि , ओतय उत्सुकता पूर्वक जाइत रहै छी।
अपन माटि पानिक लेल साहित्य लिखैत रहै छी।
आकाशवाणी दरभंगा सs काव्य पाठ प्रसारित होइत रहैत अछि।
वर्ष 2013 मे हमर प्रथम पोथी कविताक “प्रतिवादी हम ” प्रकाशित भेल।
पुरस्कार:-
ईश्वरक कृपा सs हमरा एहि पोथी पर ” साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार 2015 ” भेटल अछि।
शिक्षा:-
बी०एड०,एम०कॉम०,एम०ए०(हिंदी),
एम० ए०(मैथिली) नालंदा खुला विश्वविद्यालय पटना सs अध्ययनरत।
रचना कर्म:-
प्रतिवादी हम(काव्य संग्रह):-वर्ष 2013 मे प्रकाशित।
पत्र-पत्रिका मे प्रकाशित रचना:-
मैथिली-प्रवाहिका,घर-बाहर, मिथिला- दर्शन,विदेह-सदेह,मैथिली-दर्पण और स्मारिका सभ मे निरंतर प्रकाशित होइत रहैत अछि।
देश मे सभ सs बेसी साहित्यक जाहि वेबसाईट केँ देखल जाइत अछि- “कविताकोश डॉट ओआरजी” अहु पर हमर कविता प्रकाशित अछि।
आकाशवाणी दरभंगा सs काव्य पाठ प्रसारित होइत रहैत अछि।
भावी योजना:-
लेखन जारी अछि।
एकटा कविता संग्रह आ एकटा बाल कविता संग्रह लिखा चुकल अछि, जकर निकट भविष्य मे प्रकाशन हेएत।
एहि कविता विधाक काज केलाक बाद दोसरो विधा मे लेखन करब।
साहित्य लेखन हमरा लेल कर्म थिक।
बिनु लिखने मोन नै मानैत अछि आ शून्य बुझैत छी।
प्रत्येक कविता लिखला पर आत्मसंतुष्टि होइत अछि।
आगा भगवतीक कृपा।