दिल्ली,मिथिला मिरर-राहुल कुमार रायः-बिहार विधान सभा मे एकबेर फेर विकास सं बेसी जातिगत मुद्दा हावी होइत बुझना जा रहल अछि। प्रत्येक पार्टी अपन उम्मीदवार के ओहि क्षेत्र मे जाति विशेष वोटर जाहिसं पार्टी के फायदा होयत ओकरे चुनावी मैदान मे उतारि रहल अछि। बिहारक चुनाव मे कहियो यादव त कहियो दलित-महादलित, कोइरी-कुरमी, बाह्मण, राजपूत, भूमिहार, निषाद, आदि लोकनिक प्रतिनिधि बिहार विधान सभा मे शोभा बढाबैत रहल अहि। स्वर्णकार समाज से मात्र दू गोटे जे झारखंड अलग होई सं पहिने प्रतिनिधि रहल छैथ। मुदा ओहिके बाद दुर्भाग्य देखु स्वर्णकार समाज के जे हुनका बाद स्वर्णकार समाज के एकोटा प्रतिनिधि के प्रतिनिधित्व करबाक कोनो पार्टी एखन धरि मौका नहि देलकैनि। एहिबेर बेर फेर मौका आयल हाथ सं निकैल गेल जखन सक्ष्म उम्मीदवार के तौर पर संतोष कुमार दावेदारी रहितो अंतिम क्षणमें टिकट काटि अश्विनी चैबे के पुत्र के द देल गेल जाहि सं स्वर्णकार समाज मे व्यापत आक्रोश छन्हि। एतबे नहि मदन प्रसाद वैश्य आ अरूण कुमार वर्मा के सेहो टिकट नहि भेटला सं दुखी छैथ। भागलपुर मे स्वर्णकार समाज विरोध आ प्रर्दशन कय रहल अछि एकर असर बिहार कोना-कोना मे रहि रहल स्वर्णकार समाज फैल रहल अछि।
अखिल भारतीय स्वर्णकार विचार मंच के सदस्य स्वर्णिम कुमार गुप्ता के कहब छन्हि जे ‘स्वर्णकार समाज के तरफ सं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह केे 10 गोट व्यक्ति के समीक्षा सूची देल गेल छलनि जाहिमे हमरो नाम मधुबनी से छल मुदा अमल नहि कयल गेल। सरकार स्वर्णकार समाज के विकासक मुख्यधारा सं अलग राखि सभहक संग,सभहक विकास के सार्थक कोना कय सकत। स्वर्णकार समाज एहि निर्णय सं समस्त राजनितिक पार्टी सं आहत अछि जेकर परिणाम हुनका लोकनि के भुगतय पड़तनि।