नव हादसाक तैयारी में बइसल झंझारपुरक पुल

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    झंझारपुर, दिल्ली-संजीत कुमार मिश्रः सावन के अंतिम सोमवारी कऽ खगडि़या के धमारा रेलवे स्टेशन पर भेल ट्रेन दुर्घटना में 37 सं बेसी लोकक मृत्यु के बाद रेल प्रशासन आ बिहारक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कुंभकरणी निंद सं उठैत भेलाह। रेल हादसाक बाद धमारा रेलवे स्टेशन पर फूट-ओवरब्रिज आ स्टेशनक बगल में सड़कक निर्माणक संग-संग हादसा में घायल भेल व्यक्ति आ मृतक के परिजन के मुआबजा देबाक आदेश देल गेल। बेर-बेर एहन घटनाक बाद सरकार आनन-फानन में घोषणा आ शिलान्यास त शुरू क दैत अछि मुदा ठाम-ठाम पसरल दुर्घटनाक दृश्य कियैक नहि सरकार के नजरि आबइत छइक।

    मधुबनी जिलाक झंझारपुर स्थित कमला नदी पर बनल पुल भारत नहि अपितु एशिया महादेश में प्रसिद्ध अछि। अहि पुलक विशेषता इ जे अहि पुल पर रेल, भारी वाहन, दूपहियाक संग-संग पैदल यात्री सेहो यात्रा करैत छथि। सुनवा में त बर चोटगर लागइत होयत मुदा इ पुल हर क्षण हर पल एकटा नव खतरा के आमंत्रित क रहल अछि। किछु साल पहिने तक इ पुल मधुबनी जिलाक पूर्वी आ पश्चिमी क्षेत्र के एक दोसर सं जोड़बा में जिवन रेखाक रूप में नामी छल। लेकिन एनएच 57 के फोरलेन भ गेला सं यातायातक परिचालन में किछु कमी जरूर आयल अछि।

    मुदा तइयो प्रतिदिन अहि पुल सं रेल, बस सहित तामम चाइरचकिया आ भारी वाहनक परिचालन भय रहल अछि। एतबे नहि हर दिन सैकड़ोंक संख्या में रिक्शा आ हजारों लोकक आवाजाही लागल रहइत अछि। पुलक निर्माण अंग्रेजक समय में भेल छल आ बेर-बेर मरम्मत के नाम पर खाना पूर्ति होइत रहइत अछि। जगह-जगह पुल में सं 5 सं 7 इंचक नुकीला बोल्ट निकलल अछि जे आसानी सं गाड़ी चक्का में घुइस जाइत अछि। ठाम-ठाम पुल में फाटल दराइर में रिक्शा चालक आ मोटरसाइकिल सवार के पैर फंसी जाइत छैन्हि। हर दिन पुल में फूटल भोकार में साइकिलक चक्का फंसी ओकर रिम टूटनाई आम बात भय गेल अछि।

    अगर गलती सं पैदल चालकक चप्पल आ की मोबाईल फोन हाथ सं खसल त ओ सिधे कमला मैयाक भेंट चढि़ जाईत अछि। किछ मास पूर्व अहि पुल पर भारी वाहनक परिचालन के बंद क देल गेल छल मुदा झंझारपुर बस स्टैंडक ठेकेदारक द्वारा टैक्स में कमी हेबाक बात कही एक बेस फेर सं भारी वाहनक परिचालन के शुरू के देल गेल। सरकारी खजाना भरवाक कारणें हर दिन अहि पुल पर खतराक संकट मंडराइत रहइत अछि। इ बात नहि त प्रशासन सं छुपल छैक आ नहि सरकार सं। हां मरम्मत के नाम पर मासे-दिवसे अलकतरा आ गिट्टीक चिप्पी जरूर लगा देल जाइत अछि। एहन में एकटा प्रश्न उठइत अछि की जानि-बुझि अहि खतरा के सरकार कियैक निमंत्रण द रहल अछि। आ कि सुशासन बाबू आ हुनक मंत्रीमंडलक सदस्य लोकैन्हि एक बेस फेस सं खगडि़याक धमारा बला घटनाक पुर्णावृतिक लेल बइससल छथि ?