मधेपुर, मिथिला मिरर: मधेपूरकें बाथ गाममे साहित्याड़्गन’क सत्तरहमा समारोह गीत, संगीत, काव्य रस आ व्यक्तित्व बखानमे सम्पन्न भेल। अहि मौके पर गीत-संगीतक पुरोधा आ शास्त्रीय गायक पं0 गोपाल गोबिन्द झा मणिकान्त झाक सम्मान साहित्याड़्गन आयोजक द्वारा कएल अवसर पर मुख्य रूप सं प्रो0 सुनीता कुमारी, अजित आजादके अलावा कवि कथाकार अर्द्धनारीश्वर आ केदार नाथ केन्द्रित कीर्तिकार पर अपन-अपन विचार रखलनि।
आयोजन साहित्य अकादमी सं सम्मानित बबुआजी झाके गाममे महाकवि बाबू क्षेमधारी सिंह श्रीकर आ महाकवि चन्द्रभानु सिंह पर केन्द्रित आयोजन छल। वक्ता सब श्रीकरकें एकटा गम्भीर अध्येताक संग मैथिली, संस्कृत, हिंदी आ अंग्रेजीक विशिष्ट साहित्यकार बतौलनि। संगहि हुनक प्रकाशित रचनावलीमे सांख्यखद्योतिका, श्रीकरभक्तितरंग, निबन्ध चन्द्रिका, सुरथ चरितम महाकाव्य, भारतीय दर्शन चयनिका, दुर्गा सप्तशती’क अंग्रेजी अनुवाद, शेक्सपीयर एंड मिल्टन आदि चर्चित प्रमुख रचना कहलनि।
समारोहम दोसर केन्द्रित व्यक्तित्व चन्द्रभानु सिंहक एकटा चर्चित गीतक बोल ‘मधु केर परल दुलेब कोयलिया, घुलल-घालल बोल छौ, की कहियौ गै करिकी तोहर, बाजब बड्ड अनमोल छौ’ मैथिली साहित्यके कंठहार कवि हेबाक बात कहलनि।
समारोहक संचालन साहित्याड़्गनक संस्थापक अध्यक्ष मलय नाथ मण्डन कय रहल छलाह। जहन कि संयोजन डाॅ0 राम सेवक झा कय रहल छलह। समारोहक अध्यक्षता डाॅ हरिनारायण ठाकुर केलनि। मुख्य अतिथिके रूपमे प्रसिद्ध बैज्ञानिक डाॅ0 योगेन्द्र पाठक वियोगी आ विशिष्ट अतिथि डाॅ0 चित्रधर मिश्र छलाह। द्वितीय सत्र काव्य संसार आ राग सत्रक अध्यक्षता कवि अमर नाथ झा केलनि। सिद्ध उद्घोषक रामसेवक ठाकुर संचालनमे शास्त्रीय आ सुगम संगीतक पुरोधा पं0 गोपाल गोबिन्द झा, रेडियो स्टेशनक कलाकार काशी नाथ किरणजी आ दीपकजी’क प्रस्तुति श्रोता ओत प्रोत भेलाह।
अहिकें अलावा कवि नारायण झा, विभूति नाथ झा, पूर्णानन्द झा, संजीव शर्मा, अक्षय नाथ मिश्र, शिवकुमार झा, रामप्रीत पासबान, हरिदेव झा, गौरीशंकर झा गोबिन्द, ईशनाथ झा, युवराज, रत्नेश्वर झा सहित डेढ दर्जन कवि काव्य रसक धारा बहा देलनि।