जेएनयू विवाद, प्रशासनक विफलता आ कि मीडियाक कुचक्र?

    0
    302

    दिल्ली-मिथिला मिररः देशक प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानमे सं एक दिल्लीक जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय आ विवादक कोनो नव संबंध नहि अछि। जहिना अहि शिक्षण संस्थान सं देश-दुनिया कें एक से बढ़ि कऽ एक थिंक टैंक भेटैत रहलैक अछि, तहिना अहि शिक्षण संस्थान सं एहन-एहन गतिविधिक सेहो संचालन होइत रहलैक अछि जाहि सं राष्ट्रीय एकता ओ अखंडता कें सुचारू बना कय रखवामे बहुतो बेर दिक्कत अवैत रहलैक अछि। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय भारत ओहि इनल-गिनल शिक्षण संस्थानमे सं अछि जाहिठाम वाम राजनीति होइत रहलैक अछि, आ ओहिठाम वामकेर बर्चस्वक कारणें जेएनयू बेर-बेर विवाद आ नव चमत्कार लय सामने अवैत रहैत अछि।

    जेएनयू 9 फरवरी कऽ तखन एक बेर फेर सं विवाद मे आयल जखन सार्वजनिक रूप सं जेएनयूमे देशक विरूद्ध जाहि तरहें कुकृत कैल गेल ओकर जतेक निंदा कैल जाय ओ कम छैक। मामला पर एतेक बेसी होहल्ला मचल जेकरा देश-दुनिया देख चुकल अछि आ देख रहल अछि। 12 फरवरी कऽ दिल्ली पुलिस जेएनयूक छात्र संघक अध्यक्ष कन्हैया कुमारक संग-संग 4 अन्य विद्यार्थीक उपर देशद्रोहक मुकदमा दर्ज कैल गेल। जाहि छात्र पर देशद्रोहक मुकदमा दर्ज कैल गेल ओहि मे कन्हैयाक अलावे उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य, आशुतोष कुमार आ रामा नागा’क नाम शामिल अछि। कन्हैयाक गिरफ्तारीक बाद जाहि तरहें देशमे होहल्ला मचल ओकरा देश बहुत नीक जेना देखलक। एतबे नहि कन्हैयाक गिरफ्तारीक बाद जाहि तरहें देशक मीडिया दू भागमे बंटल ओकरा दीर्घकाल तक समजा स्मरण मे राखत।

    कन्हैयाक गिरफ्तारीक बाद प्रश्न उठय लागल जे आब बांकिक जे छात्र छल ओकर गिरफ्तारी कखन हैत? कन्हैयाक गिरफ्तारीक बाद अन्य बांकिक छात्र कतौ अज्ञातवास मे चलि जाइत छैथ। ओहि कें बाद प्रशासन देशक कतेको ठाम अहि छात्र लोकनि कें खोजवाक पूर्ण कोशिश केलक मुदा ओहोठाम सं कोनो तरहक सार्थक परिणाम नहि भेटल। हालांकि कन्हैयाक गिरफ्तारीक एक सप्ताहक बाद उमर खालिद आ अनिर्बान सहित अन्य लापता छात्र देर राइत जेएनयू मे वापिस आवैत एक बेर फेर सं प्रशासन कें चुनौति दैत नजैर आवैत छथि। दिल्ली पुलिसक टीम तुरंत जेएनयूक गेट पर ठाढ़ भय जाइत अछि आ ओहि कें बाद जाहि तरहक राजनीति दिल्ली पुलिस ओ केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा देखाओल जाइत अछि ओकरा कोन तरहें स्पष्ट कैल जायत से नहि कही।

    पुलिस दू दिन तक जेएनयूक गेटक बाहर ठाढ़ रहैत अछि मुदा ओ अहि लेल अंदर प्रवेश नहि करैत अछि कि जेएनयू एकटा स्वतंत्र संस्थान अछि आ ओहि मे प्रशासनक प्रवेश सं पूर्व जेएनयू प्रबंधन सं इजाजत आवश्यक भय जाइत छैक। दिल्ली पुलिस जेएनयूक गेट पर ठाढ़ रहि जाइत अछि आ उमर, अनिर्बान अपन आप कें कोर्ट मे आत्म समर्पित करैत अछि। देशद्रोहक दू गोट आरोपी एखनो जेएनयूमे धूमि रहल अछि मुदा दिल्ली पुलिस आ वर्तमान नरेन्द्र मोदीक सराकर जाहि तरहक रणनीति जेएनयू पर देखा रहल अछि ओ अहि सरकारक पुलिसिया विफलताक सूचीमे दीर्घकाल तक स्मरणमे राखल जैत। संसद मे बहसा-बहसी होइत छैक मुदा दिल्ली पुलिस जेएनयूक अंदर कोनो तरहक गतिविधिमे भाग लेवाक लेल तैयार नहि होइत अछि।

    अहिठाम बहुत रास बहुत रास प्रश्न ठाढ़ होइत अछि। पहिल प्रश्न इ जे कि दिल्ली पुलिस लग कन्हैयाक खिलाफ पूर्ण सबूत नहि छल, आ कि हड़बड़ मे उठाओल गेल इ निर्णय छल? कि केन्द्र सरकार जम्मू-कश्मीर मे अपन सरकार कें पूर्ण एक बेर बनैत देखि रहल अछि ओहि लेल ओहि कथित दोषी व्यक्ति पर कोनो तरहक कार्रवाई करवामे फुर्ती नहि देखा रहल अछि? जौं जम्मू-कश्मीरमे प्रायः प्रत्येक शुक्रदिन भारत कें विरूद्ध नारा लगाओल जाइत अछि त ओहि व्यक्ति लोकनि कें चिन्हित कय कियैक नहि देशद्रोहक आरोप लगाओल जाइत अछि? आ कि केन्द्र सरकार बहुत रास एहन विषय छैक जाहि कें जनताक मध्य सं हटेवाक लेल एहन तरहक कृत कें प्रायोजित रूप सं करवा रहल अछि? इ समस्त बातक जानकारी त आई नहि त काल्हि जनताक मध्य एबे करतै मुदा वर्तमान मुद्दा पर जाहि तरहक नीति गृह मंत्रालय आ दिल्ली पुलिस द्वारा उठाओल गेल ओहि पर बहुत रास प्रश्न बेर-बेर उठैत रहैत। हां, जेएनयू आ ओहि कें छात्र संघक अध्यक्ष सहित ओहि समस्त आरोपी व्यक्ति कें सेहो निर्दोषक प्रमाण पत्र कथमपि नहि देल जा सकैत अछि।