अटल छलाह अटल, अटल सन दोसर नहि

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दिल्ली, मिथिला मिरर : अटल बिहारी वाजपेयी देशक ओहि चुनिन्दा राजनेतामेसँ छलाह, जिनका दूरदर्शी मानल जाइत छल। अटलजी अपन राजनीतिक करियरमे अनेको एहन फैसला लेलनि जाहिसँ देश आ हुनक निजी राजनीतिक छवि सेहो मजबूत भेल। अटलजीक जन्म 25 दिसंबर, 1924 केँ  ब्रह्ममूहुर्तमे शिन्देक छावनी बला घरमे भेल छलनि। ओना हुनक स्कूलकेँ सर्टिफिकेटमे जन्म तिथि 25 दिसंबर 1926 लिखल छनि। इ दू वर्षक अंतर एहि कारणसँ अछि कियक त’ हुनक पिताजी कम आयु लिखौलखिन जाहिसँ हुनक पुत्र बेसी दिन धरि नौकरी क’ सकैथ। अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय राजनीतिक पटलक एहन नाम छल, जिनका अपन व्यक्तित्व व कृतित्वसँ नै सिर्फ व्यापक स्वीकार्यता आ सम्मान हासिल भेलनि, बल्कि तमाम बाधाके पार करैत 90के दशकमे भाजपाकेँ स्थापित करबामे अहम भूमिका निभौलनि। वाजपेयीजीक व्यक्तित्व कमाल छलनि जे भाजपाक सँग ओहि समयमे नव-नव सहयोगी दल जुड़ैत गेल। हिंदीकेँ प्रचारित-प्रसारित आ एकरा प्रति दुनियाँक ध्यान आकर्षित करेबामे जँ कियो  वैश्विक पटल पर काज केलक  ओ छलथि देशक पूर्व प्रधानमंत्री आ भाजपाके कद्दावर नेता अटल बिहारी वाजपेयी। अटलजीके हिंदी भाषासँ बड्ड बेसी लगाव छलनि तकर प्रत्यक्ष प्रमाण छल  1977मे संयुक्त राष्ट्रसंघमे अपन पहिल भाषण हिंदीमे देलनि। इ पहिल अवसर छल जखन यूएन जकाँ पैघ अंतर्राष्ट्रीय मंच पर हिन्दीक गूंज सुनबाक लेल भेटल छल। वाजपेयीजीक एहि भाषणसँ यूएनमे आओल सभ प्रतिनिधि लोकनि ठाढ़ भ’ अटलजीक लेल जोरदार थोपड़ी बजउने छल। वाजपेयीजी ‘वसुधैव कुटुंबकम’  संदेश दैत अपन भाषणमे मूलभूत मानव अधिकारक संग-संग रंगभेद जेहन गंभीर मुद्दाके जिक्र सेहो केने छलाह। ब्रिटिश शासनक विरोध करबाक लेल अटलजी अपन किशोरावस्थामे किछु समय लेल जेल सेहो गेल छलाह, मुदा स्वतंत्रता संग्राममे कुनो मुख्य भूमिका अदा नहि क सकलाह। अटल बिहारी वाजपेयी 12 बेर  सांसद रहलाह जाहिमे 10 बेर लोकसभा आ दू बेर राज्यसभाक सांसद रहलाह। अटलजी उत्तर प्रदेश, नई दिल्ली आ मध्य प्रदेशसँ लोकसभाक चुनाव लड़ि संसदमे पहुँचलाह। अपन भाषणकला, मनमोहक मुस्कान, ओज वाणी, लेखन आ विचारधाराक प्रति निष्ठा आ कुशल नेतृत्वक कारणे वाजपेयी भारत-पाकिस्तानक बीच मतभेद दूर करबाक दिशामे प्रभावी पहल कएने छलाह। लगभग चारि दशक तक विपक्षमे रहलाक बाद वाजपेयी 1996मे पहिल बेर प्रधानमंत्री बनल छलाह मुदा संख्याबल पर्याप्त नहि रहलाक कारण सरकार महज 13 दिनमे खसि गेल।  ओतबे नहि दोसर बेर फेर सरकार बनौलनी मुदा एहि बेर सेहो मात्र 13 महीना बाद सरकार खसि पडल।1999क चुनावमे वाजपेयी पछिला बेरसँ अधिक स्थिर गठबंधन सरकारके मुखिया बनलाह, जे अपन पांच सालक कार्यकाल पूरा केलक। दुनियाँक अनेको संपन्न देशक विरोधके बादो अटल सरकार पोखरणमे 11 आ 13 मई 1999क  भूमिगत परमाणु परीक्षणके अंजाम देलक जकरा बाद अमेरिका, कनाडा, जापान सहित यूरोपियन यूनियनक कतेको देश भारत पर अनेको तरहक प्रतिबन्ध लगा देने छल ओकर बाबजूद अटल सरकार देशक जीडीपीमे बढ़ोतरी क’ देखौने छल। पोखरण परीक्षण अटल बिहारी वाजपेयीजीक सबसँ पैघ फैसला छलनि। जखन अटलजी जनसभा वा संसदमे बजबाक लेल ठाढ़ होइत छलाह तखन हुनक समर्थक आ विरोधी दुनू हुनका सुनबाक लेल आतुर रहैत छल। वाजपेयीजी अपन कवितामय भाषणसँ लोकसभकेँ मंत्रमुग्ध क’ दैत छलाह। जनतब दी जे अटलजी पछिला लगभग 15 सालसँ राजनीतिक सक्रियतासँ दूर छलाह।