दिल्ली, मिथिला मिरर: नवारम्भ प्रकाशन सं 2013 मे प्रकाशित श्याम दरिहरे जीक मैथिली कथा संग्रह ‘बड़की काकी@हॉटमेल डॉट कॉम’ के साहित्य अकादेमी पुरस्कार देल जयबाक घोषणा भेल अछि। बेनीपट्टी अनुमंडल अंतर्गत बरहा गाम निवासी दरिहरे जीक मूल नाम श्याम चंद्र झा छन्हि। ओ झारखंड सरकार मे डिविजनल कमांडेंट सँ सेवानिवृत छथि आ वर्तमान मे पटना रहैत छथि।
एहि कथा संग्रह सँ पूर्व हुनक ‘सरिसो मे भूत’ कथा संग्रह, ‘घुरि आउ मान्या’ उपन्यास, ‘क्षमा करब हे महाकवि’ कविता संग्रह, ‘गंगा नहाना बाकी है’ हिन्दी कविता संग्रह सहित धर्मवीर भारती जीक प्रसिद्ध कविता संग्रह ‘कनुप्रिया’ क मैथिली अनुवाद प्रकाशित छन्हि।
62 वर्षीय दरिहरे जीक लेखन वैविध्यपूर्ण छन्हि। आम लोकक भाषा मे रचना कयनिहार एहि लेखकक विषय-चयन आ ओकर निर्वहन आकृष्ट करैत अछि। दरिहरे जी अपना केँ जनताक लेखक मानैत छथि आ तेँ अपना केँ सभ तरहक वाद सँ फराक रखैत आयल छथि।