शाबिर अलीकें बीजेपी मे लेवाक कोन मजबूरी ?

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    दिल्ली-मिथिला मिररः बिहारमे विधान सभा चुनाव सं पहिने एक बेर फेर सं भारतीय जनता पार्टीक एकटा फैसला पार्टीक भीतर ओ बाहार सबहक कांन ठाढ़ क देलक अछि। बिहार बीजेपी पूर्व राज्य सभा सांसद ओ जेडीयूक निष्कासित नेता साबिर अली कें एक बेर फेर सं पार्टी मे शामिल क लेलक। अपने कें बता दी कि अहि सं पहिने लोक सभा चुनाव सं पहिने जखन शाबिर अली कें जनता दल युनाइटेड अपना पार्टी सं निष्कासित केने छल तखन बहुत उठापटकक बाद शाबिर अली बीजेपी मे शामिल भेल छलाह।
    ओहकें बाद पार्टीक वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नक्वी शाबिर अलीकें खिलाफ मोर्चा खोलि देलनि आ आला कमानक फैसला पर प्रश्न चिन्ह ठाढ़ क देलाह। अपना बयान मे मुख्तार एतेक तक कहि देलाह कि शाबिर अलीक संबंध आईएमकें संस्थापक सदस्य यासीन भटक सं छन्हि आ आब ओ दिन दूर नहि जे पार्टी दाऊद इब्राहिम कें सेहो पार्टीक सदस्यता दियाओत। अहि पर बहुत बेसी घमासान भेल छल आ आनन-फानन मे शाबिर अली अपन त्याग पत्र द देने छलाह।
    ओहिकें बाद शाबिर अली आ हुनकर पत्नी मुख्तारक विरूद्ध धरना पर तक बैसल रहैथ। आब एहन मे एक बेर फेर सं शाबिर अलीकें पार्टी मे आनब पार्टी आला कमानक फैसला कें कि कहल जाय। या त पार्टी आब मुख्तार अब्बास नक्वीकें ओहि रूपें नहि देख रहल अछि वा तखन आ एखन मे बहुत अंतर भय गेलैक? बात चाहे जे भी हो लेकिन एकटा बात त साफ अछि कि बिहार मे जौं एनडीए गठबंधन टूटल छल त ओहिकें बहुत पैघ श्रेय शाबिर अली कें जाइत अछि कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीक विरूद्ध सब सं बेसी जहर ओहे उगलैत रहैत। हलांकि एकटा आओर जहर उगिलनिहार रामविलास पासवान एखन केंद्रीय मंत्री बनि मौज क रहला अछि त फेर शाबिर अली कें कोना अछूत राखल जा सकैत अछि। इ राजनीति छी आ अहि मे सब किछु संभव अछि। एकर नफा नुकशान त बाद मे पता चलत।