हयात रीजेंसी दिल्लीमे संपन्न भेल मैथिल समन्वय समितिक बैसार, 2017कऽ अंतमे वर-वधू परिचय सम्मेलन

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    दिल्ली-मिथिला मिररः मैथिल समन्वय समिति मुंबईक बैसार रविदिन दिल्लीक पाँच सितारा होटल हयात रीजेंसीमे संपन्न भेल। बैसारमे मुंबई सँ मैथिल समन्वय समितिक संरक्षक आ मिथिलामे शिक्षाक क्षेत्रमे अलख जगौनिहार एवं संदीप विश्वविद्यालयक संस्थापक डॉ. संदीप झा केँ संगहि मिथिला मैथिलीक प्रखर चेहरा आ संस्थाक कुशल सेनापति द्वय प्रेम चंद्र झा आ जय माधव झा उपस्थित छलाह त दोसर दिस दिल्लीक विभिन्न संस्थाक प्रतिनिधि, कवि, डाॅक्टर, पत्रकार आ समाजिक कार्यकर्ताक जुटानी छल। कार्यक्रमक शुभारंभ डॉ. सदीप झाकेँ पुष्प गुच्छ दऽ शुरू भेल जेकरा बाद केशव झा संस्थाक विषयमे संक्षिप्त परिचय देलनि। तकरा बाद अमरनाथ झा उपस्थित समस्त व्यक्ति लोकनिक संक्षिप्त परिचय आ हुनकर कार्य क्षेत्रक बारेमे एमएसएसकेँ संरक्षक लोकनिकेँ बेरा-बेरी बतौलनि। एकरा बाद उपस्थित व्यक्ति मंच पर जा अपन संक्षिप्त परिचय, अपन कार्यक्षेत्रक जानकारी दैत आगामी दिनमे कोना मैथिल समन्वय समितिक प्रक्लपकेँ बढे़वामे मदद करतथि अहि पर प्रकाश देलाह।

    एमएसएसकेँ कार्य पर प्रकाश दैत डॉ. संदीप झा कहलनि जे पैछला बरख मुंइर्ब सं अहि संस्थाक जन्म भेल छल आ एकरा बाद हम सब ‘‘वर-वधू’’ सम्मेलन करेलौह जाहिमे हमरा लोकनिकेँ अप्रत्याशित सफलता भेटल। मुंबईमे संपन्न भेल पहिल वर-वधू सम्मेलन बाद किछु संबंध एहनो भेलैक जाहिठाम आब विवाहक बात चलि रहल अछि। डॉ. झा कहला जे पहिल वर-वधू सम्मेलन लाभ ई भेल जे हमरा लोकनि एकटा नमहर डाटा बेस तैयार कऽ सकलौह आ ओहिमे आगामी दिनमे सहज रूपसँ कुटमैतीक करेवामे मदद भेटत। डाॅ. झाकेँ मानी तऽ एकटा मध्यवर्गीय परिवारमे माता-पिताक सबसँ चिंता वला विषय रहैत अछि जे कोना नीक आ सुग्योय घर-वरमे अपन बेटीक विवाह संपन्न कराबी। मुदा सही कुटमैती नहि भेलाक कारणेँ जीवन भरि नानान तरहक दिक्कत होइत रहैत अछि। संदीप झा कहला जे हमरा सबहक लेल सबसँ पैघ जिम्मेदारी ई अछि जे कोना बेसी सँ बेसी वर-वधूक डाटाक संकलन कऽ फेर अपन प्रकल्पकेँ मूर्त रूप दी। बकौल झा, हमरा समाजमे अहि बातक घोर दिक्कत अछि जे हमरा सबकेँ एक दोसराक बारेमे जानकारी नहि अछि आ इहै कारण छैक जे हमरा लोकनिक बेटा-बेटी अपन जाति-पातिसँ बाहर जा विवाह करैत अछि। जौं हमसब अपना बच्चाक लग एकटा नहि बहुत रास योग्य कथा दऽ ओहिमे सँ अपन पसीनक कथा चुनावक अवसर मुहैया करायब तऽ निश्चित रूपसँ अपन बच्चा सब किन्नो नहि कोनो आन जाति-धर्ममे जा विवाह करत।

    सुनीत ठाकुर द्वारा उठाओल गेल सामुहिक विवाह बात आ ऋषि कुमार झा मलंगिया द्वारा उठाओल गेल डिजिटल पद्धति पर चर्चा करैत संदीप झा कहला जे हमर बेटीक विवाहक बाद हमसब एमएसएसकेँ निर्माण केलौह, संस्थाक स्थापनाक बाद जौं हम अपन बेटीक विवाह करितहुं तऽ निश्चित रूपहिं हमरो बेटीक विवाह सामुहिक मंडपमे होइत। डाॅ. झा कहलाजे मात्र दहेज विरोधी नारा देला भरिसँ दहेज समापन किन्नो संभव नहि अछि। दहेज विरोधी अभियान हमरा लोकनिक बाप-पुरखा लगसँ चलैत आबि रहल अछि मुदा ओकर परिणाम की सामने आबि रहलैक अछि ई सबकेँ पता छैन्ह। तैं हमरा सब वर-वधू परचिय सम्मेलन करा बेसीसँ संपर्क एकत्रित करी आ ई एकमात्र रास्ता अछि जाहिसँ हमरा सब दहेज उन्मूलनक कार्यकेँ आओर प्रखरतासँ संपादित कऽ सकब। डॉ. झा कहला जे मैथिल समन्वय समिति डिजिटल भए गेल अछि आ अपने सब संस्थाक दू गोट वेबसाइट पर जा ओहिठाम डिजिटल सुविधाक सेहो लाभ उठा सकैत छी। संगहि संस्थाक काॅल सेंटर पर टाॅलफ्री नंबर पर फोन कऽ सेहो जानकारी ल सकैत छी। संगहि डॉ. झा कहला जे मुंइर्बक कार्यालयक लेल एकटा कुशल लड़का/लड़की आवश्यकता अछि जेकरा योग्यता हिसाबे उचित तनख्वाह देल जाएत।

    डॉ. झा कहला जे मैथिल संस्था बस अहि लेल टूटैत अछि कि ओहिठाम पद माइर करैत छैक। हमरा सबमे अहम बहुत बेसी अछि जे व्यक्तिगत होइत अछि जाहि दिन ई लड़ाई समाजिक भए जाएत ओहि दिन मैथिलसँ पैघ कोनो समाज नहि रहत। संस्थाक संरक्षक प्रेम चंद्र झा कहला जे संस्थाक दिल्ली कार्रकारिणी जल्दिये दिल्लीमे अपन कार्य शुरू कऽ देत आ नवंबर अथवा दिसंबरमे संस्था दिल्लीमे वर-वधू परिचय सम्मेलनक भव्य आयोजन कैल जाएत। प्रेम चंद्र झा आ डाॅ. संदीप झा अहि बात पर जोर दैत कहला जे संस्थामे कोनो पद नहि रहत आ सब गोटे संग मिली काजकेँ मूर्त रूप देवादिस प्रयास करब। अंतमे संस्थाक संरक्षक जय माधव झा धन्यवाद ज्ञापन करैत कार्यक्रम समापन केलाह। ओकरा बाद सबगोटे दुपहरिया भोजन आ अन्य विषय पर बातचीत करैत अपना-अपना घर दिस जाइत भेलाह। कार्यक्रममे रंजना झा, कुमकुम झा, निवेदिता मिश्र झा, डॉ. कैलाश कुमार मिश्र, दीपक झा (दीपक फाउंडेशन), विनोद झा, उमेश चंद्र झा, विद्यानंद ठाकुर, विमल जी मिश्र, सुनीत ठाकुर, अमरनाथ झा, केशव झा, श्रीचंद कामत, सुधीर झा, तपन झा, संतोष सिंह राठौर, अभिषेक मिश्र, शिशिर झा, समलेंद्र झा, सहित अन्य व्यक्ति लोकनि उपस्थित छलाह।