दिल्ली, मिथिला मिरर-शिवेश झा: दिल्लीक प्रगति मैदान मे आयोजित विश्व पुस्तक मेलाक अंतिम दिन सेंटर फ़ॉर स्टडीज़ ऑफ़ ट्रेडिशन एंड सिस्ट्म्स आ राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के संयोजन मे मिथिलाक बौद्धिक आ साहित्यिक परम्परा मे स्त्री-लेखन पर बातचीतक आ विमर्शक आयोजित कायल गेल। जाहि मे मैथिल विद्वत् परम्पराक तीन गोट सशक्त स्तम्भ श्रीमती नीरजा रेणु, डा. उषाकिरण खान आ डा. शेफालिका वर्माक संग मिथिलाक नवतुरियाक प्रेरणा धीरेन्द्र प्रेमर्षिक उपस्थित छलाह।
अहि बातचीत के दौरान मिथिला में स्त्री ज्ञानपक्ष, विद्या आ स्त्री लोकनिक प्रश्न करवाक क्षमताक संग बहुत रास जमीनी वस्तु-विषय पर चर्चा कायल गेल। खास कय स्त्री लेखन मे स्त्रीक पीड़ा, सुदूर क्षेत्रक स्त्रीक समस्याक प्रति चेतना तथा स्त्रीक लेखन गतिविधि मे समस्या पर चर्चा कायल गेल। धीरेन्द्र प्रेमर्षिक संग साहित्य अकादमी पुरस्कार सं सम्मानित तीनू लेखिका सहज भावे अप्पन लेखन गतिविधिक शुरुआत आ विभिन्न समस्या पर अप्पन विचार प्रगट केलनि।
कार्यक्रम मे गार्गी सं लय क’ आइधरिक स्त्री अप्पन मुखरताकें कोन प्रकारे व्यक्त करैत छथि अहि विषय पर सेहो तीनू गार्गी चर्चा केलनि। कार्यक्रमक दौरान धीरेन्द्र प्रेमर्षि कहलनि जे, मैथिली स्त्री-लेखन मे पाँच टा मानुषीके साहित्य अकादमी सं सम्मानित कैल गेल अछि, जाहि मे लिली रे, निरजा रेणु, उषाकिरण खान, आशा मिश्रा आ शेफालिका वर्मा शामिल छथि। एहि पाँचो मानुषी में आय हमरा सभक समक्ष तीन गोट मानुषी मे गार्गी सातत्य देखबाक अवसर भेटल अछि।
अहि कार्यक्रम के माध्यमे एक बेर पुन: सीमाक दुनू कातक मैथिलभाषी समुदायक सम्बंध के उजागर करबाक प्रयास कायल गेल। जाहि मे अमित आनन्द आ सविता झा खानप्रति’क बहुत योगदान रहलनि। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली’क अहि विश्व पुस्तक मेला मे मैथिलानी के थीम बना कय एतेक नीक आयोजनक लेल आयोजक सविता खानप्रति के ‘मिथिला मिरर’ दिस सं बहुत रास शुभकामना। एहेन तरहक आयोजन मे सहयोगक लेल ‘मिथिला मिरर’ सदैव सविता झा खानप्रति कें संग अछि। एक बेर पुनः अहि सफल आयोजनक लेल शुभकामना।