दिल्लीमे मैथिल नारी नहि छैथ बेचारीक सफल व्याख्यानमाला संपन्न

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    दिल्ली,मिथिला मिरर-मनीष झा’ बौआ भाईः देशक राजधानी दिल्लीमे २१ फरवरी, २०१५क’ अंतर्राष्ट्रीय मातृभाखा दिवस पर स्थापित संस्था “मैथिली साहित्य महासभा” भव्य आयोजनक संग एकर स्थापना केने छल आ एकरा एकटा मूर्त रूप देबा लेल अपन कटिबद्धताकें सार्वजनिक घोषणा केने छल । एहि घोषणाक निर्वहन करैत विगत रविदिन मने ०२ अगस्त,२०१५क’ दिल्लीक कॉन्स्टीट्यूशन क्लब,स्पीकर हॉल में पहिल विद्यापति स्मृति व्याखानमाला केर आयोजन कएल गेल. एहि आयोजनक अध्यक्षीय मार्गदर्शन देली सुप्रसिद्ध साहित्यकार आ गोवा केर वर्तमान महामहिम राज्यपाल मृदुला सिन्हा. व्याख्यानमालाक विषय राखल गेल छल “मिथिलाक नारी, नहि छथि बेचारी” जकर विस्तृत व्याख्यान प्रस्तुत केली मैथिलीक प्रसिद्ध साहित्यकार पद्मश्री डॉ. उषाकिरण खाँ.

    कार्यक्रमक संचालन किसलय कृष्णक ओजपूर्ण शब्द लालित्यक संग प्रारम्भ भेल आ जोगी भेष में उपस्थित बथनाहा,सीतामढी निवासी श्यामरुद्र पाठकक भाव सुसज्जित स्वर में विद्यापति रचित “कुञ्ज भवन स’ निकसल रे” गीत स’ कार्यक्रमक शुभारम्भ भेल. मंचासीन हेबा लेल आमंत्रित कएल गेल क्रम स’ मृदुला सिन्हा, पद्मश्री डॉ. उषाकिरण खाँ, करुणा झा (मिथिला मैथिली वास्ते सदिखन तत्पर रहनिहारि मैथिलानी जेकि एहि आयोजन में सहभागिता देबा लेल राजविराज, नेपाल स’ आएल छली), अमरनाथ झा आ हेमन्त झा (दुनू गोटे संस्थापक सह आयोजक सदस्य, मैथिली साहित्य महासभा). एहि ठाम एक बातक जानकारी दी जे भारतक पूर्व राष्ट्रपति डॉ.ए.पी.जे.अबुल कलामक निधन केर धेआन में रखैत दीप प्रज्ज्वलन ओ सामूहिक गीत आदि नैं प्रस्तुत क’ विद्यापतिक स्मृतिचित्र पर सामूहिक पुष्प माल्यार्पण कएल गेल. संस्थाक संस्थापक सदस्य अमरनाथ झा स्वागत भाषणक क्रम में मंचासीन तीनू मैथिलानीक प्रति आभार प्रकट करैत मिथिलाक नारी नहि छथि बेचारीक रूप में हिनका तीनू गोटेकें उदाहरणक रूप में सोझा रखैत बेटा-बेटी में अंतर करबा सन संकीर्ण मानसिकताक परित्याग करबाक आह्वान केलनि. हेमन्त झा संस्थाक आगामी योजनाक सन्दर्भ में जानकारी देइत कहलनि जे संस्था एकटा एहेन प्लेटफॉर्म तैयार क’ रहल अछि जत’ नवतुरिया साहित्यकर्मीक रचना केर प्रकाशनादि हेतु सार्थक डेग उठेबा लेल तत्पर अछि आ अबिलम्ब एकर परिणाम सेहो सोझा आबि जाएत.

    करुणा झा अपन वक्तव्य में ई बात सोझा रखलनि जे वास्तव में वर्तमान जुग में मिथिलाक नारी बेचारी नहि छथि ई बात भले ही महानगरीय परिवेश में नैं होइ मुदा ग्रामीण स्तर पर एखनों बदलाव के आवश्यकता छै कारण जत’ भारती सन विदुषी शंकराचार्य के पराजित केलनि ओहि मिथिला क्षेत्र में आइयो धरि दहेज़ प्रताड़ना,डाइन-जोगिन,घरेलू हिंसा आदि के शिकार नारी भ’ रहली अछि. कहबाक अभिप्राय छलनि जे मानसिकता में बदलाव होए कारण शिव सेहो शक्ति बिनु अधूरा छथि. उपरोक्त विषय पर अपन व्याख्यान देइत साहित्यकार पद्मश्री डॉ. उषाकिरण खाँ नारी केर संग बेचारी शब्दक प्रयोग कें तार्किक रूपें सोझा रखलनि जे बेचारी बनब आ बेचारी हएब दुन्नू भिन्न सोचक प्रतीक थिक. माएकें अपन मातृत्वक निर्वाह करब बेचारी बनब नहि अछि मुदा ज’ शिक्षाक प्रति जागरूक नहि कएल जाइत अछि ओ ओकरा बेचारी बनाएब अछि. नारी जागरण हेतु गामे-गाम जा वर्कशॉप केर आयोजन क’ हुनका जागरूक करबाक चेष्टा ज’ कएल जाए त’ नारी बेचारी नहि रहि स्वाबलंबी भ’ सकैत छथि. अध्यक्षीय वक्तव्य में महामहिम राज्यपाल मृदुला सिन्हा जी मैथिली भाखा,संस्कृति,पावैन-तिहार आदिमे मिथिलाक नारीक अद्भुत जोगदानक एक स’ एक उदाहरण सोझा रखैत बजली जे एखनो जहन कोनो विषय पर शोध करबा लेल बैसै छी आ निदान नैं भेटैत अछि त’ जहिया गोवा स’ बिहार जाइत छी मैथिलीक गीत पावनि-तिहार आ ओतुका संस्कृति स’ ओ सभ विषय भेट जाइत अछि जे हमरा चाही, जे संस्कृति आइयो धरि मिथिले के नारी सहेज क’ रखने छथि. उदाहरण देइत  बटगबनी “अपन किशोरी जी के” आ एहेन कतेको पारंपरिक गीत सस्वर गाबि सुनेली जे सूनि समूचा सभागार में अनवरत थोपड़ी गरगराइत रहल. कार्यक्रम अपन सार्थक दिशामे बढैत रहल आ बीच में किसलय कृष्ण अपन स्वरचित मिथिला वर्णन आ तदुपरांत लोक गायिका आराधना मल्लिकक स्वर में सेहो भगवती गीतक प्रस्तुति भेल. पूर्व राष्ट्रपति डॉ. कलाम साहेबक दिवंगत आत्माक शान्ति हेतु एक मिनटक मौन राखि सामूहिक श्रद्धांजलि सेहो देल गेल.

    धन्यावाद ज्ञापन करैत संजीव सिन्हा जी सभ गोटेकें आभार व्यक्त केलनि आ संगे संस्था दिस स’ मैथिली लेखन में सक्रिय हेबा लेल एकटा बहुत महत्त्वपूर्ण घोषणा आ आह्वान केलनि जे मैथिल युवा जिनक उमेर चालीस बर्ख स’ कम होए रचनाकर्मी लोकनिक मध्य चयनित एक गोट रचनाकार कें एक लाख टाकाक पुरस्कार प्रतिवर्ष सेहो देल जाएत.

    एहि सफल आयोजन में किछु गणमान्य व्यक्ति, साहित्य ओ समाजसेवी लोकनिक उपस्थित उत्साहवर्धक रहल : गंगेश गुंजन,भुवनेश्वर गुरमैता (नेपाल),सुनीत ठाकुर,भास्कर झा (कोलकाता),अमित आनंद (सहरसा),मनोज श्रीपति,विमल जी मिश्र,अमित चौधरी,प्रकाश झा,मुकेश झा,अन्नी मिश्र (मधुबनी पेंटिंग),कुमकुम झा,अभिमन्यु खाँ,निवेदिता झा मिश्रा,आदित्य मिश्रा,सुधा झा,सुनील पवन,कंत शरण,भवेश नंदन, डॉ. ममता ठाकुर, सुशांत झा,श्रीचंद कामत,संजय झा नागदह,विजय झा,ललित नारायण झा,राहुल राय,कौशल कुमार,विभय कुमार झा,पंकज प्रसून,डॉ. पंकज मिश्र, शिशिर झा,कृपानंद झा,हितेंद्र गुप्ता आदि.