लालू संग गठबंधन नीतीशक मजबूरी आ कि हाइरक भय?

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    दिल्ली-मिथिला मिररः बुढ़-पुरनीयां सबहक एकटा खिस्सा बच्चे सं सुनैत छलौह जे ‘सदा साहिबी केकरो नहि रहैत छैक’ आ एखन इ कहबी बिहारक मुख्यमंत्री आ सुशासन बाबू अर्थात नीतीश कुमार पर पूर्ण रूपे लागू होइत छन्हि। 2010मे जखन नीतीश कुमार संचालित एनडीए कें बिहारक जनता बेतहाशा समर्थन दय पाटलिपुत्रक सिंहासन पर बैसौलक तखन कियो इ सोचनहुं नहि हैत कि अगिला पांच साल मे नीतीश कुमार स्वयं अपनहि खूनल खाइध मे अहि तरहें धसि जेताह जाहि ठाम सं बाहर निकलब हुनका बस सं बाहर भय जायत। 
    बिहार मे बिधानसभा चुनाव माथ पर अछि आ अहि बेरक चुनाव मे दू गोट गठबंधन आमने-सामने अछि। एक दिस बीजेपी, लोजपा, रालोसपा ओ हम अछि त दोसर दिस आरजेडी, जेडीयू, कांग्रेस ओ अन्य अछि मुदा सब सं रोचक तथ्य इ अछि जे बिहारक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जाहि तरहें गठबंधन केलाह अछि ओ हुनकर कुर्सीक मजबूरी थिकैन्हि से कहब मुश्किल। हलांकि जौं 2010कें विधानसभा चुनाव परिणाम कें देखि त निश्चित रूपहिं इ नीतीश कुमारक मजबूरी आ लाचारी बुझना जा रहल अछि।
    2010 कें विधानसभा चुनाव मे जे परिणाम जनताक सोंझा आयल छल ओ अहि प्रकारेण छल। जनता दल यूनाइटेड-115, भारतीय जनता पार्टी- 91, कम्यूनिस्ट पार्टी आॅफ इंडिया-1, निर्दलीय-6, कांग्रेस-4, लोक जनशक्ति पार्टी-ं3 ओ राष्ट्रीय जनता दल-22 सीट पर चुनाव जीतवा मे सफल रहल छल। ओहि दृष्टि सं जौं अहि विधानसभा चुनाव मे गठबंधन के दृष्टि सं देखल जाय त सब सं सबल आ मजबूत दावेदारी जनता दल यूनाइटेड कें हेवाक चाही। कारण पैछला चुनाव मे जेडीयू सब सं बेसी सीट लय जीतल छल।
    अहि चुनाव मे जाहि तरहक सीटक बंटबार जेडीयू, आरजेडी, कांग्रेस सहित अन्य मे भेल अछि ओहि हिसाब सं सीट एहन बांटल गेल अछि। जेडीयू-आरजेडी-100-100, कांग्रेस-40 आ 3 सीट पर अन्य। आब कने सोचल जाऊ जे 115 गोट सीट जीतय बला राजनीतिक दल जौं 100 सीट पर अपन सहमति द दैत अछि त एकरा कि कहल जाय? राजनीतिक हाइरक भय आ कि ओ चुनाव सं पूर्व स्वयं अपना कें बिहारक राजनीति मे असहाय महसूस करय लगलनि।
    115 सं 100 सीट पर आयब, लालूक विरोध मे राजनीति शुरू क फेर लालूक संग मिली जायब, 2015 तक बिजली नहि त वोट नहि मांगव इत्यादि नाराक बाद जीतन राम मांझी, पप्पू यादव, ओ मोदीक लहर मे नीतीश अपना आप कें कतेक सबलताक संग बिहार मे रखवा मे सफल हेताह अहिकें लेल त किछु समय प्रतीक्षा करय पड़त मुदा अपना आप कें राजनीतिक माहिर खेलाड़ी आ सुशासन बाबू कहैवला नीतीश कुमार 2015कें बिहार विधान सभा चुनाव मे एकटा एहन मोड़ पर ठाढ़ भ गेल छथि जतय सं हुनका लेल जीत बहुत मायने राखैत छन्हि आ हाइरक संग राजनीतिक कैरियर सेहो समाप्त हेवाक पूर्ण आसार बनल छन्हि। चुनाव सं जुड़ल विभिन्न खबैरक लेल देखैत रहु मिथिला मिरर चुनाव विशेष।