बिहार विधानसभा चुनावमे करोड़ों मे बिका रहल अछि पार्टीक टिकट

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    दिल्ली-मिथिला मिररः बिहार विधानसीभा चुनावमे टिकट भेटव अपना आपमे एकटा कठिनगर गप्प बुझना जाइत अछि। कारण अहि विधानसभा चुनाव मे जौं अपने कोनो भी राजनीतिक दल सं टिकटक उपेक्षा राखैत छी त अपने कें करोड़ों टका संग मे राखय पड़त जाहिकें बादे कोनो तरहक बात बनि सकत। मुदा ओहो ठाम जौं अहां सं बेसी मालदार कोनो पार्टी भेंट गेलैक त अहांक टिकटकें कोनो गाॅयरंटी नहि। 
    सोमदिन राष्ट्रीय लोक समता पार्टीक संवाददाता सम्मेलन मे अशोक गुप्ताक जाहि तरहक चेहरा लोकक सोंझा आयल ओहि मे कोनो बनावटी गप्प नहि रहैक। अशोक गुप्ता मीडियाक सोंझा अहि बात कें कहैत रहला जे ओ अपन दू बिघा जमीन बेचि पार्टीकें बनेवा मे 50 लाख टका खर्च केेने छलाह। संवददाता सम्मेलन चलैत रहल आ अशोक गुप्ता दहाडि़ माइर-माइर कनैत रहला। खबैर मीडियाक माध्यम सं देश-दुनिया देखैत रहल। बाद मे स्थिति गंभीर होइत देखि पार्टीक राष्ट्रीय अध्यक्ष केंद्रीय मानव संसाधन विकस राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा संवाददाता सम्मेलन कें छोडि़ बाहर चलि गेलाह। 
    इ आरोप सिर्फ राष्ट्रीय लोक समता पार्टीक नहि अपितुु लोक जनशक्ति पार्टी अध्यक्ष रामविलास पासवानक जमाई साधूक सेहो छल। साधू सेहो मीडिया मे ठोहि पाइर कय कनैत नजैर ऐलैथ। कथित रूप सं अहि बेर बिहारक समस्त राजनीतिक पार्टी पर टका लय टिकट बेचवाक जे तांडव रचल जा रहल अछि ओकरा पाछांक जौं सच सुनव त अपनेक कान कें विश्वास नहि हैत। कथित रूप सं पार्टीक भीतर सं राजद, लोजपा, रालोसपा, हम, जेडीयू पर गंभीर प्रश्न उठि रहल अछि त बीजेपी-कांग्रेस सेहो पाछा नहि अछि। 
    मिथिला मिररकें विभिन्न राजनीतिक दलक भीतर सं पार्टीक कार्यकर्ता ओ नता सं जाहि तरहक जानकारी भेटल ओ चुनाव मे टिकट बंटवाराक नाम पर चलि रहल उगाही कें सत्यातिप करवा लेल बहुत अछि। अपन नाम सर्वाजनिक नहि करवाक शर्त पर मिथिला मिरर सं बातचीत करैत पार्टीक वरष्ठि नेता कहला जे अहि बेर कम सं कम 5 आ बेसी सं बेसी 20-25 करोड़ तक पार्टीक एकटा टिकट दाम बान्हल गेल अछि। किछु उम्मीदवार त एहन छथि जे महिनो दिन सं जमीनी स्तर पर पार्टीकें बनेवा मे दिन-राति एक कय जुटल रहला मुदा टकाक बोली लग जा ओ टूटि गेलथि आ टिकट एकटा एहन आदमी हाथ मे चलि गेल जेकर जमीन पर कोनो नाम नहि। 
    आखिरकार अहि चुनाव मे कहिया आम कार्यकार्ता मे टकाक स्थान पर जगह भेटत से नहि कहि मुदा टिकटक बंदरवांट मे आम कार्यकर्ताक जगह टकाक अहमियत निश्चित रूपहिं चिंताक विषय अछि।