महालयाक संग दुर्गा-दुर्गाक ध्वनि सं गुंजयमान भेल वातावरण

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    दिल्ली,मिथिला मिरर-सुजीत कुमार झाः ऊँ खड्गं चक्रगदेषुचापपरिघांछूलं भुशुण्डीं शिरः शंखं संदधतीं करैस्त्रिनयनां सर्वांगभूषावृताम। नीलाश्मद्युतिमास्यपाददशकां सेवे महाकालिकां,यामस्तौत्स्वपिते हरौ कमलजो हन्तुं मधुं कैटभम्। मां जगजननीक अराधना महालया सं शारदीय नवरात्राक विधिवत शुरूआत भय गेल, आश्विन मासक शुक्ल पक्षक प्रतिपदा तिथी क मैयाक कलश स्थापना हेतनि मुदा ओहि सं पहिने शुक्रदिन राइतमे मिथिलाक प्रायः सब गांव मे मां दुर्गाक अराधना पूजा स्थलि में कैल गेलनि। पंडित जी लोकनि मैयाक मंदिर में जा विधिवत पूजा आ मंत्रोच्चारण क हुनक आवाहन कैलनि।

    आब भरि दशमी धरि मैयाक नामक उच्चारण आ आ दुर्गा पाठक मंत्र सं वातावरण रमणीय बनल रहत। भोरे भोर फुल तोड़वाक लेल नेन्ना भुटकाक टोली बारिये-झारिये जाइत भेट जेतथि। सांझ परिते कुमारी कान्या, मैया, काकी, बहिन सब हाथ में रंग-बिरंगक फुलडाली लय दुर्गा स्थान सांझ दय लेल झूंडक-झूंड भेट जेतिह। संपूर्ण मिथिला में प्रायः सब घर में माटिक महादेवक कलशस्थपन दिन सं शुरू भय जायत। शंख, घड़ीघंट, मृदंगक, घंटीक ध्वनि सं बस मैयाक स्वर सुनायत। मैया सब कें मंगल करथि सब कें मंगल राखैत, मिथिला मिरर’क दिस सं समस्त मिथिला सहित संपूर्ण विश्वक प्राणी कें दुर्गा पूजाक हार्दिक बधाई आ बहुतरास शुभकामना। जय मैया भवानी!

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