योग दिवसक अवसर पर धीरेन्द्र ब्रह्मचारीकें सम्मान दौथ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

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    दिल्ली-मिथिला मिररः आगामी 21 जून कें संपूर्ण विश्व योग दिवसक रूप मे मनेवाक लेल तैयार अछि। भारतक प्रधानमंत्री ओ योग पुरूष नरेंद्र मोदीक अथक प्रयास सं संयुक्त राष्ट्र संघ सेहो योग कें मान्यता 2015मे देलक आ देखते-देखैत योगक डंका विश्क लगभग पौने दू सौ देश मे बाजय लागल। भारतक अगुवाई मे मनाओल जायवला पहिल विश्व योग दिवसक पूर्ण सफलताक बाद आब भारत द्वितीय योग दिवस मनेवाक लेल भारत मे तैयारी जोर-सोर सं चलि रहल अछि। 21 जून कऽ अहि बेर सरकार चंडीगढ़मे द्वितीय विश्व योग दिवस मनेवाक निर्णय लेलक अछि।
    मुदा मिथिला मिरर साढ़े सात करोड़ मैथिलक दिस सं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओ आयूष मंत्री श्रीपाद नायक सं इ आग्रह क रहल अछि जे पहिल विश्व योग दिवसक अवसर भारतमे आधुनिक योग कें जन्मदाता धीरेन्द्र ब्रह्मचारीकें सम्मान नहि भेट सकलनि त कम सं कम द्वितीय विश्व योग दिवसक अवसर पर भारतक प्रख्यात योगाचार्य ओ मैथिल पुत्र स्व. धीरेंद्र ब्रह्चारी कें मरनोपरांत सम्मानित करौथ। कालांतर मे जौं भारतमे योगाचार्यक नाम लेल जायत त निश्चित रूपहिं योग ऋषि धीरेन्द्र ब्रह्मचारीक नाम सम्मान सं लेल जायत मुदा आइ स्थिति एहन अछि जे धीरेन्द्र ब्रह्चारीक नाम सं देशक बहुतायत योगकर्ता लोकन्हि अनभिग्य हेताह।
    मूल रूप सं मधुबनी जिलाक बसैठ चानपूरा गांवक रहनिहार धिरेंद्र चैधरी बाद मे धिरेंद्र ब्रह्मचारीक जन्म 12 फरवरी 1924 क भेल छलन्हि। ब्रह्मचारी भागवत गीता सं एतेक बेसी प्रभावित भेलाह कि ओ मात्र तेरह वर्षक अवस्था मे घर छोड़ि बनारस पहुंचलाह आ ओहिठाम महर्षि कार्तिकेय कें आश्रम गोपाल-खेरा मे योगक अध्ययन केलाह। योग शिक्षा ग्रहण केलाक बाद धिरेंद्र ब्रह्मचारी विश्वक कतेको देश मे जा योग शिक्षा देवाक काज सेहो केने छलैथ। धिरेंद्र ब्रह्मचारीक नाम योग मे एतेक भेलन्हि कि बाद मे हुनका तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू अपन बेटी इंदिरा गांधी कें योग सिखेवाक लेल आग्रह केने रहैथ।
    बाद मे योगी ब्रह्मचारी इंदिरा गांधीक योग गुरू बनि राजनीतिक रूप सं सेहो बहुत बेसी ख्याति प्राप्त केलाह। जखन देश मे 1975-77 कें बीच आपातकालक घोषणा तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा कैल गेल ओहि समय मे दुनिया भरिक तनावक बीच हुनकर स्वास्थ कें रखबारक रूप मे ब्रह्मचारी ठाढ़ भेल छलाह। 1970 मे योगी ब्रह्मचारी दूरदर्शन पर प्रसारित होइवला साप्ताहिक योग कार्यक्रमक मार्फद देशक विभिन्न भाग मे अपन पहिचान बनेवा मे सफल रहल छलाह। एतबे नहि धिरेंद्र ब्रह्मचारी दिल्लीक प्रशासनिक स्कूल मे योग कें एकटा विषय बनेवा मे मुख्य भूमिका निभौने छलाह।
    सन 1981 मे केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा संचालित केंद्रीय विद्यालय मे सेहो ब्रह्मचारी योग कें पाठ्यक्रम मे शामिल केने छलाह। योगीक सब सं पैघ कार्यक रूप मे जौं देखी त पता चलत जे ओ ‘विश्वयत्न योगाश्रम’ आ वर्तमान मे मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थानक मालिक सेहो छलाह। अहिकें अलावे ओ जम्मू, कटरा ओ मनतलाइ मे सेहो अपन योगाश्रमक मादे देश-दुनियांक सेवा करैत रहलाह।
    ब्रह्चारीक योग विषय पर हिंदी आओर अंग्रेजी मे किताब सेहो लिखने छलाह। जाहि मे ‘योगिक सुक्ष्म व्यायाम आओर योगशना विजन्न’ 9 जून 1994 क निजी विमान दूर्घटना मे भेल हिनकर मृत्युक बाद हिनक गांधी नगर जम्मूक आश्रम बंद भय गेल आओर आश्रमक सम्सत संपत्ति कें लूटि लेल गेल।
    मिथिला मिरर अपन आओर संपूर्ण मिथिलावासीक दिस सं प्रधानमंत्री मोदी आओर केंद्रीय आयूष मंत्री सं आग्रह क रहल अछि जे देश कें योगक क्षेत्र मे एतेक पैघ सेवा केनिहार बेटा कें नाम पर अहि विश्व योग दिवसक अवसर पर कम सं कम ‘डाक टिकट’ जारी करैत आओर तरहक सम्मान सं हुनका सम्मानित कैल जाय। पीएमओ आओर आयूष मंत्रालय हिनकर जन्म स्थली मधुबनी मे कम सं कम हिनका नाम पर एकटा विश्वस्तरक योगकेंद्र खोलावाक सेहो घाषणा करैथ। अहि मे कोना दुम्मैत नहि जे वर्तमान मे श्री श्री रविशंकर आआरे स्वामी रामदेव योगक माध्यम सं देश-विदेशक घर-घर तक पहुंच गेल छैथ मुदा देश कें राष्ट्रीय योग संस्थान देनिहार बेटाक नाम आई योगक दुनिया सं विलुप्त भ गेल अछि अहि पर विचार करब अति महत्वपूर्ण अछि।

     

    2 COMMENTS

    1. केवल रास्ट्रीय योग संसथान टा नै देला संगे अखन केन्द्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसन्धान परिषद् के स्थापना स्वामी जी के द्वारा कैल गेल अई। हुनकर सपना छल मिथिला में योग विश्वविद्यालय के स्थापना हो

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