भद्र सहमति, अभद्र समझौता: काली कान्त झा “तृषित”

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    पत्र पत्रिका तऽ बड़ चटैत रहैत छह मुदा खास खास खबर दिस ध्यान नहि रहैत छौ बुझाइत अछि जे खाली बिज्ञापने ठिकिअबैत रहैत छह, मुसरी बाबू धारा प्रवाह बाजि रहल छलाह. हम कहलिएन जे किएक एतेक भूमिका दऽ रहल छी स्पष्टे कहू ने ! अच्छ तऽ कहऽ दू टा चीज एके दिन एके ठाम जनमलै वा तैयार भेलै, एकटा के नाम देलकै भद्र त दोसर के नाम की होएबाक चाही ? हुनकर बृथा प्रलाप स आजिज होइत कहलिएन, पहिल भद्र त दोसर के नाम अभद्र कहि दिऔ. ओ तऽ अति उत्साहित होइत बजलाह वाह अति उत्तम एकदम सही हमरो विचार सैऽह छल आब हम सविस्तार कहैत छिअह सुनऽ, नेपाल मे जे जतेक आन्दोलन होइत आएल छैक ताहि मे जतेक बेर राजनैतिक पार्टी बीच समझौता भेलै ताहि संगे भद्र सहमति सेहो होइत आएल छैक.

    इ भद्र सहमति विशुद्ध रूपे आलो पालो अर्थात पार लगा कऽ सत्ता सुख उपभोग करबाक हेतु प्रदर्शित अभद्र एवम अशोभनीय लिप्साक जीवंत रूप रहैत छैक आ बून्दागत रूप मे जे संझौता होइत छैक से त आन्दोलन के ज्वार के शान्त करबाक हेतु, पेट मे प्रपंच राखि कऽ जेन तेन हिसाबे संझौता साइन तऽ कऽ लैत छैक लेकिन तकर पालनो करबे करतै तकर कोनो ग्यारेन्टी नहि रहैत छैक, जेना गिरीजा बाबूक समय मे मधेश आन्दोलन के विषय मे जे संझौता सम्पन्न भेल छलैक तकरा आइ सत्ता पक्ष सुनहु लेल तैयार नहि छैक, एहन मे एकरा अभद्र सम्झौता नहि त और की कहल जएतै ? राजनीतिक बेइमानी पर उतरल लोक के लाजबीज तऽ होइते नहि छैक तहू मे सत्ता पक्ष के तऽ मधेस शब्दो स सुनैत छी जे एलर्जी छैक. एखन जे एमाले आ एमाओवादीक बीच मे जे तलाकक बादक पुन: गठबंधन जकाँ जे नङरसट्ट भेल छै तहू मे भद्र सहमति(कुर्सी हेरफेर ) आ अभद्र संझौता सेहो भेल छैक. ९ बून्दे संझौता मे ५ आ ९ नं॰ बूंदा मे पूरे अभद्र रहस्य अन्तर्निहित छैक.

    एहि मे द्वन्द काल मे उभय पक्ष सँ निर्दोषो लोक पर जे अत्याचार अन्याय, बलात्कार, लूट पीट खून खराबा आदि कएल गेल छलैक से कुकर्म कएनिहार सभ के सोझे सफाइ देबाक हेतु जाल बखेड़ा खड़ा करैत ओहि बूंदा मे प्रपंच रचल गेल छैक से आरोप लगबैत द्वन्द पीड़ित सभक संगठन आवाज उठा रहल छैक. ओहुना ई विषय सभ अदालत मे विचाराधीन छैक जाहि मे हस्तक्षेप नहि होएबाक चाही लेकिन ई त अजब देश नेपाल छैक पावर हाथ मे रहने सब किछु कएल जा सकैछ इ तकरे उदाहरण छैक. आब भद्र सहमति के दिन प्रचंड गनि रहल छथि पी॰ एम॰ बनबाक लेल, आ अभद्र सम्झौता के परिणाम के बाट, द्वन्द पीड़ित सभ ताकि रहल छथि बात अन्तर्राष्ट्रीय अदालत मे पहुचएबाक लेल. आउ सभ केओ दूनू तरफ आशीर्वाद दिऔ “ सुफल मनोरथ होहु तुम्हारे” बाद बाँकी जे करथि ओलीजी बेचारे.

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