दिल्ली-मिथिला मिररः ओना त आब मैथिली भाषाक स्वीकृति वैश्विक स्तर पर भेल जा रहल अछि आ मैथिली भाषा सं संघ लोक सेवा आयोग आ राज्य लोक सेवा आयोग परीक्षामे गैर मैथिली छात्र लोकनिक आगमन शुभ संकेत कहल जा सकैछ, मुदा एखन तक मैथिली भाषा सं कोनो महिला संघ लोक सेवा आयोगक परीक्षा पास नहि केने छलीह। लेकिन मैथिलक इ टीस सेहो अहि बेर रजनी झा समाप्त कय देलीह। रजनी संघ लोक सेवा आयोग अर्थात (यूपीएससी) कें परीक्षा पास कय नहि सिर्फ अपना परिवार अपितु संपूर्ण मिथिलाक महिला समाजक लेल एकटा मार्गदर्शक कार्य कैलनि अछि।
रजनीक अहि कामायाबी पर समूचा मैथिल समाज गौरवांन्ति त छैथे एहि क्रममे रजनीक संग मिथिला मिररक संपादक ललित नारायण झा केर फोन पर भेल साक्षात्कारक किछु अंश अपने लोकनिक लेल।
प्र0 रजनी जी सर्वप्रथम अहांकें बहुतरास बधाई संगहि प्रथम महिला छी जे मैथिली भाषा सं संघ लोक सेवा आयोगक परीक्षामे सफल भेलौह, अहि कामयाबी पर की कहब अपने?
उ0 सर अपनेक संग-संग संपूर्ण मैथिल समाजकें हम धन्यवाद देवय चाहैत छी जे हमरा अहि तरहें स्नेह आ प्रेम दय रहला अछि। सर अहि बातक जानकारी हमरा त नहि अछि जे हम पहिल मैथिलानी छी जे मैथिली भाषा सं संघ लोक सेवाक परीक्षा पास केलौह। मुदा बहुत संतुष्टि भेट रहल अछि जे हम अहिठाम तक पहुंचलौह।
प्र0 रजनी, अहांक परिचय की अछि कने विस्तार सं जानकारी देल जाउ?
उ0 हमरा नाम रजनी झा अछि, हमर पिताजीक नाम श्री बीरेन्द्र कुमार झा आ माताजी कें नाम श्रीमती मीना झा छन्हि। हमर तीन भाई-बहिन छी जाहिमे हमस ब सं पैघ छी। हमरा सं छोट दू गोट भाई छथि आ ओहो दुनू पेशा सं इंजीनियर छथि। हमर गामक नाम धड़हिया अछि जे दरभंगा जिलाक कमतौल लग छैक। जखन कि हमर मामा गाम चाननपूरा अछि जे कि मधुबनी जिलाक धकजरी गामकें निकट पड़ैत अछि। ओना हमर लालन-पालन तत्कालिन बिहार आ आबक झारखंडक जमशेदपुर मे भेल अछि कारण पिजाजीक कर्मस्थली जमशेदपुर छलनि ताहि लेल।
प्र0 अपनेक शिक्षा-दीक्षा कतय सं ग्रहण केलौह?
उ0 सर, हम कहेन रही जे हमर पिताजी जमशेदपुर मे रहैत रहथि ताहि हेतु हमर शिक्षा-दीक्षा ओतहिए शुरू भेल। मैट्रिक आ इंटर हम सेक्रेट हार्ट काॅन्वेंट जमशेदपुर सं केलौह। ओहिकें बाद बीआईटी सिंदरी सं साल (2005-2009)मे हम बीटेक केलौह जाहिमे (कैमिकल इंजीनियरिंग) ट्रेड छल। बीटेक केलाक बाद हम दू साल ‘‘टीसीएस’’ मे नौकरी केलौह ओहिकें बाद साल 2015मे हम लोकसभा सचिवालयमे सूचना प्रौद्योगिकीक स्टैंडिंग कमेटीमे नौकरी कय रहल छी आ ओहिकें बाद एखन आएल यूपीससीक परीक्षा परिणाम मे 591म स्थान पर हमर चयन भेल।
प्र0 मैथिली दिस झुकाव कोना भेल अहि विषयमे जानकारी देल जाउ?
उ0 ओना त हम अंग्रेजी माध्यमक पढ़ल छी मुदा अपन सभ्यता संस्कृति सब दिन सं हमरा अपना प्रति आकर्षित करैत रहल आ ओहि कारण सं हम मैथिलीकें करीब सं जनवाक कोशिश करैत रहलहु। चूकि हमरा घरमे बहुत बेसी मैथिली जीवैत अछि आ ओहै कारण छैक जे हम अपना आपकें मैथिलीमे अनवाक लेल तैयार कैलहु। बाट सहज नहि छल कारण अंग्रेजी माध्यम सं पढ़वाक कारणें मैथिलीमे देवनागरी लिखनाई आ सोचनाई बहुत कठीनगर कार्य छल मुदा हम अपना लक्ष्यक प्रति इमानदार रहलहु। घरोमे माता-पिताजी सं मैथिलीये मे बातचीत होइत अछि त ओहो बहुत बेसी मददगार साबित भेल हमरा लेल।
प्र0 एकटा मैथिलानी होइकें नाते अहांकें कतेक संघर्ष करए पड़ल?
उ0 हमरा मैथिलानीयेटा हेवाक कारणें संघर्ष नहि अपितु हमरा तीन तरहक संघर्ष करए पड़ल प्रथम जे एकटा आम महिलाकें दैनिक जीवन मे भुगतय पड़ैत छैक से ओहिकें बाद यूपीएससीक कष्ट छैक से आ तेसर एकटा मैथिलानी हेवाक। जाहि समाजमे एखनो तक शिक्षा मुख्यधारा मे नहि जुड़लैक 25 वर्ष सं बेसी तक बिन विवाहल बेटीकें राखब मुश्किल भए जाइत छैक ओहनमे दिक्कत त हैव स्वभाविक छैक।
प्र0 जे परिवार शहर आबि मैथिलीकें बिसरि जाइत छैथ हुनका लेल किछु कहबनि?
उ0 बस हुनका लोकनि कें एतबे कहबनि जे अहांक भाषा संवैधानिक अछि आ ओकरा संग-संग विश्वक सब सं धनीक संस्कृतिमे सं एक सेहो अछि। एहनमे जौं अहि सब मैथिलीकें उपेक्षा करब त फेर मिथिला-मैथिलीक विकास कोना संभव हैत।
प्र0 अगिला योजना कि सब अछि?
उ0 आब जाहि ट्रेडमे हम जाएब ओहिकें बाद ओहि दिशामे सोचब मुदा अपन संस्कृति हमरा सब दिन सं अपना दिस आकर्षित करैत रहल अछि आ भविष्यमे सेहो करैत ओहि। हम सतत अपना माटि-पाइनक लेल किछु ने किछु करैत रहब।
प्र0 डाॅ. शेखर झा मंथन आईएएसकें विषय मे की कहय चाहब?
उ0 डाॅ. शेखर झा सर एकटा एहन सोझराएल व्यक्ति छथि जिनका इ बहुत नीक जेना बूझल छन्हि जे शब्दक विन्यास कोना कैल जाए। कोना कोनो व्यक्तिकें सहज सं सहज रूपें ओहि बात कें बुझओल जाए। इ जे गुण छन्हि हुनकामे ओहै हुनका आन लोक सं अलग एकटा पहिचान देने छन्हि। मंथन आ डाॅ. शेखर सर संग हमर सफर बहुत नीक आ यादगार रहल।
प्र0 अपन कामयाबीक श्रेय किनका देवय चाहवैन?
उ0 निश्चित रूपहिं माता-पिताकें कारण हमरा ओ सब कहियो कोनो बातक लेल रोक-टोक नहि केलाह, बस ओकरे इ प्रतिफल अछि जे हम अपना आप कें धन्य बुझैत छी।
रजनी जी अपने मिथिला मिरर कें लेल एतेक समय निकाललौह ओहि लेल अपने कें कोट-कोट धन्यवाद आ एक बेर फेर सं हार्दिक बधाई।
सर अहूं कें बहुत-बहुत धन्यवाद जे हमरा लेल एतेको समय निकाली हमरा सं बातचीत केलौह। संगहि संपूर्ण मिथिलावासीकें हमरा प्रणाम।
प्रस्तुतिः टीम मिथिला मिरर, सहयोग डाॅ. शेखर झा, अमित आंनद एवम् निशांत कुमार झा
I was delighted to find Mithilamirror.com and more so to learn about Rajani Jha. I feel very proud of her achievement.
Rajani has made us all really very proud. May her success show the way to those who have stopped conversing among themselves, despite being family, in this beautiful and sweet language. Let her success stop this dangerous trend, that will, ultimately lead to the death of such a rich and prestigious language. I am proud to be a Maithil. Jai Mithila.
रजनी जी के अनेकों शुभकामना !!
मैथिल बढतए त मिथीला आओर मैथिली सेहो बढतए । माँ बैदेही अपनेके आशिषीत रखैथ । अपने एकटा नुतन इतिहासक स्तंभ बनलउ । हम सब अहाँ सँ सिख ल रहल छी ।
संजय पासवान
ब्रिजबेन
अस्ट्एलिया
e ta bahut garb ke bat bhel Rajani !! aha ke pichha humhu sab soche par majbur bhelo je humra sab ke apan bhasha Maithili ke ignore ney karbak chahi…aar hum ey se hi apan ghar me bi Maithili me hi baaje ke suru karab…bahut bahut subhkamna and dhanyabad !!
Has been feeling proud for a long time regarding our rich cultural heritage…now a glorious event to cherished…. Rajni JHA example will pave the way for thousands of maithil youths not only for upsc but also for uplifting the maithil language n literature
Bahut Khushi bha rahal Ai je mithila ke pahil beti upsc ke parisha pass kelathi hunka hamra traf sa bahut bahut dhanyabad aur sang sang sampurn mithila ke naam Raoshan kelaithi
congratulations to you.
बहुत बहुत बधाई मिथिलाधाम के लेल
Rajani ke gaon Dharia chhani.Hunka kotishashish.mithila ke Saput beti ke bhavishyak subhkamna
अनेकों शुभकामना रजनी जी के !!!
Thanks for information of this achievement. &
Congratulations to Rajni Jha Ji for grand success through maithili language in UPSC.