दिल्ली-मिथिला मिररः एखन धरि मैथिल समाज मे महिलाक पाथ पर पाग बहुत कम देखवा मे अवैत छल मुदा समय संग-संग ओहो विचारधारा मे बदलाव एलैक मुदा कोनो ठाम एखन धरि सामूहिक रूप सं मैथिलानीक माथ पर पाग देखवाक अवसर नहि भेटल छल। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्लीमे 28 फरवरी कऽ आयोजित पाग बचाउ अभियानक दिन जखन मंच पर मैथिलानीक जुटान भेल आ ओहिकें बाद मैथिली सुर साम्रागी रंजना झा’क आगुआई मे जाहि तरहें महिला आ कुमारी कान्या पाग पहिर राजधानी दिल्ली सं मैथिल ओ विश्व समाज कें पाग पहिर अपना कें पुरूषक बराबर ठाढ़ कैलनि ओ दृश्यक जतेक वर्णन हो ओ कम छैक। हांलाकि अहि पर किछु गोटे आलोचना सेहो कय रहला अछि।
मंच पर जखन स्त्रीगणक जुटानी भेल त पुरूष वर्ग लोकनि सेहो ओ दृश्य देखि हतप्रभ आ उल्लासित दुनू भेलाह। कारण इ पहिल एहन अवसर छल जखन गोटैक सोरे स्त्रीगण मंच पर पाग ग्रहण कय आ ओहिकें बाद सभागार मे पाथ पर पाग राखि पुरूषक संग बैसल रहलीह। जानकी आ शक्तिक उपासक मैथिल समाज एखन धरि शक्ति कें जे अधिकार सं वंचित रखने छलाह ओहि बान्ह कें तोड़ैत डाॅ. बीरबल झा एकटा नव इतिहास केर रखना केलाह। आलोचक एकरा जे नाम देथुन, जाहि तरहक कटाक्ष करवाक हो ओ करौथ मुदा जाहि तरहें दिल्लीमे एकटा नव इतिहासक रखना भेल ओकरा दीर्घकाल तक मिथिला-मैथिलीक इतिहासमे संस्मरण मे राखल जायत।
Mithilalok ke bhot raas dhanyawad paag bachau abhiyan ke lel.